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Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर कैसे बनेगा त्रिग्रही शुभ योग, महामृत्युंजय मंत्र से दूर होंगे रोग

Mahashivratri shubh sanyog 2023 : फाल्गुन मास की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्र‍ि का महापर्व मनाया जाता है। अंग्रेजी माह के अनुसार इस बार यह पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा। इसी दिन वैद्यनाथ जयंती भी रहेगी। महाशिवरात्रि की पूजा प्रदोष काल में होती है। शुभ मुहूर्त और शुभ योग में भी पूजा कर सकते हैं। इस बार महाशिवरात्रि पर दुर्लभ योग संयोग बन रहे हैं।

 

महाशिवरात्रि पर बन रहे हैं दुर्लभ संयोग | Mahashivratri 2023 Shubh Sanyog:

 

दुर्लभ योग संयोग : महाशिवरात्रि का पर्व शनिवार के दिन रहेगा यानि शनि प्रदोष को यह पर्व मनाया जाएगा। उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और वरियान योग भी रहेगा। इसी दिन वाशी योग, सुनफा योग और शंख योग भी रहेगा। इसी के साथ त्रिग्रही योग भी बन रहे हैं।

 

त्रिग्रही योग : इस दिन शनिदेव अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में, सूर्यदेव भी कुंभ, चंद्राम भी कुंभ में विराजमान रहेंगे। यानी त्रिग्रही योग का निर्माण होगा।

 

सर्वार्थ सिद्धि और वारियान योग- शाम 05:42 से अगले दिन प्रात: 07:05 तक। यानी सर्वार्थ सिद्धि योग में महाई जाएगी महाशिवरात्रि। महाशिवरात्रि पर रात्रि 07 बजकर 35 मिनट से वरियान योग प्रारंभ होगा जो अगले दिन दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

इस योग संयोग से 8 राशियों को मिलेगा फायदा- इस दिन बृहस्पति ग्रह अपनी स्वयं की राशि में मीन में रहेंगे जबकि यह शुक्र की उच्च राशि है और शुक्र भी इसी राशि में गोचर कर रहे होंगे। बृहस्पति और शुक्र के मीन राशि में गोचर से मिथुन, कन्या, धनु और मीन राशि वालं के लिए हंस योग के साथ ही मालव्य योग योग भी बन रहा है। दूसरी ओर वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों के लिए शश योग रहेगा, जिसके चलते उन्हें नौकरी-व्यापार में उनकी स्थिति बहुत शुभ रहेगी। यानि इन 8 राशियों को भी मिलेगा लाभ। मेष, कर्क, तुला और मकर राशि वालों के लिए सामान्य फलदायी रहेगा।

 

महामृत्युंजय मंत्र-  ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्‌ ॐ स्वः भुवः ॐ सः जूं हौं ॐ।- यजुर्वेद (रुद्र अध्याय)

 

महामृत्युंजय मंत्र से दूर होंगे रोग :- शिवपुराण के अनुसार, इस मंत्र के जप से मनुष्य की सभी बाधाएं और संकट खत्म हो जाते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से मांगलिक दोष, नाड़ी दोष, कालसर्प दोष, भूत-प्रेत दोष, रोग, दुःस्वप्न, गर्भनाश, संतान बाधा कई दोषों का नाश होता है।

महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप करने से सभी तरह के रोगों का नाश होता है या भविष्य में होने वाले रोगों का भी नाश होता है। इसी के सात ही अशुभ ग्रहों के दुष्प्रभाव भी समाप्त हो जाते हैं। मान्यता है कि इस मंत्र के निरंतर जाप करने से जातक को मृत्यु तक से बचाया जा सकता है। इस मंत्र के जाप से जीवन में अनेक लाभ होते हैं। कुंडली में मरकेश योग हो तो मंत्र जाप से दूर होता है।