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कुंभ संक्रांति पर करें ये 5 दान, पितृदोष और कर्ज से मिलेगी मुक्ति

Kumbh Sankranti

Kumbh Sankranti 2024: 13 फरवरी 2024 मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर सूर्यदेव मकर से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के कुंभ में प्रवेश को कुंभ संक्रांति कहते हैं। कुंभ संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 09:50 से दोपहर 03:54 तक रहेगा। महापुण्य काल दोपहर 02 बजे से 03:54 तक रहेगा। पुण्य काल में दान पुण्य करने का खासा महत्व  माना गया है।

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कुंभ संक्रांति का महत्व : कुंभ संक्रांति में ही विश्‍वप्रसिद्ध कुंभ मेले का संगम पर आयोजन होता है। इस दिन स्नान, दान, तर्पण और यम एवं सूर्यपूजा का खासा महत्व होता है। स दिन पहने हुए वस्त्र त्यागकर नए वस्त्र पहनना चाहिए। 

 

1. सीधा दान : इसमें आटा, तेल, नमक, चावल, घी, गुड़ और दाल शामिल हैं। सभी को एक थाली में एकत्रित करके उसे मंदिर में दान करते हैं। इसे आमान्न दान भी कहते हैं। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलकर सभी अटके कार्य पूर्ण होने लगते हैं।

 

2. वस्त्र दान : इस दिन गरीबों को अन्न के साथ ही वस्त्र दान करने का दोगुना पुण्‍य मिलता है। इस दिन दान करने से अंत काल में उत्तम धाम की प्राप्‍ति होती है। इस उपाय से जीवन के अनेक दोष भी समाप्‍त हो जाते हैं। अनाज, कपड़े, पका हुआ भोजन, कंबल व अन्य जरूर चीजों का दान करने से पुण्‍य की प्राप्ति होती है। 

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3. पांच फल दान : इस दिन आप चाहें तो कोई भी ऋतुफल यानी उक्त मौसम से संबंधित 5 फल लेकर उसे मंदिर में दान कर सकते हैं। इससे सभी तरह के कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।

 

4. तांबा दान : इस दिन तांबे का दान करने से मंगल और सूर्य से संबंधित दोष दूर होते हैं। इसी के साथ लाल फूल और लाल वस्त्र भी दान करें। 

 

5. तिल दान : इस दिन काले तिलों का दान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। इसी के साथ ही गेहूं, गुड़, आटा, घी, चावल आदि भी दान करें।

Surya ka kumbh rashi me gochar

कुंभ संक्रांति पर क्या करें :

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्य देव की उपासना, उन्‍हें अर्घ्‍य देना और आदित्‍य ह्रदय स्रोत का पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्‍ति होती है।

इस शुभ दिन सूर्य भगवान की विधि-विधान से पूजा करने पर उस घर-परिवार में किसी भी सदस्‍य के ऊपर कोई मुसीबत या रोग नहीं आता है। साथ ही भगवान आदित्‍य के आशीर्वाद से जीवन के अनेक दोष भी दूर हो जाते हैं। इससे प्रतिष्‍ठा और मान-सम्‍मान में भी वृद्धि होती है।

इस दिन खाद्य वस्‍तुओं, वस्‍त्रों और गरीबों को दान देने से दोगुना पुण्‍य मिलता है। इस दिन दान करने से अंत काल में उत्तम धाम की प्राप्‍ति होती है। इस उपाय से जीवन के अनेक दोष भी समाप्‍त हो जाते हैं।

मान्‍यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्‍नान करने से मोक्ष की प्राप्‍ति होती है। इस दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्‍यान करें। अगर आप कुंभ संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में स्‍नान नहीं कर सकते हैं तो आप यमुना, गोदावरी या अन्‍य किसी भी पवित्र नदी में स्‍नान कर पुण्‍य की प्राप्‍ति कर सकते हैं।

अगर इस शुभ दिन पर सूर्यदेव के बीज मंत्र का जाप किया जाए तो मनुष्‍य को अपने दुखों से छुटकारा शीघ्र मिल जाता है।