Karva Chauth Vrat 2023: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथा का व्रत रखा जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और घर की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए यह व्रत रखती हैं। यह पर्व पति और पत्नी के संबंधों का पर्व है परंतु क्या इस दिन कुंवारी लड़किया भी व्रत रख सकती हैं?
क्यों रखती हैं कुंआरी लड़कियां व्रत?
हालांकि ऐसा शास्त्रों में कहीं उल्लेख मिलता हो तो मालूम नहीं लेकिन मान्यता के अनुसार कुछ जगहों पर कुंआरी लड़कियां भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं।
कुंआरी लड़कियां करवा चौथ का व्रत 4 कारणों से करती हैं- पहला मनोवांछित पति की प्राप्ति के लिए, दूसरा मंगनी हो गई है तो मंगेतर के लिए, तीसरा यदि किसी के साथ प्रेम के रिश्ते में है तो उसके लिए और चौथा अपने भावी पति के लिए।
कहते हैं कि अविवाहित लड़कियां यदि यह व्रत रखती हैं तो उन्हें करवा माता का आशीर्वाद मिलता है और सेहत में भी सुधार होता है।
कैसे रखती हैं कुंवारी लड़कियां यह व्रत?
कुंआरी लड़कियों को भी व्रत का पालन सामान्य नियमानुसार ही करना होता है लेकिन व्रत में पूजा से संबंधित कुछ नियम बदल जाते हैं।
इस दौरान उन्हें किसी से सरगी नहीं मिलती इसलिए उन्हें भी किसी को सुहाग का सामान नहीं देना होता है।
इस दिन कुंआरी लड़कियां निर्जल की जगह निराहार व्रत रख सकती हैं और चांद को न देखकर तारों को देखकर अपना व्रत खोलती हैं।
तारे देखने के लिए छलनी का इस्तेमाल नहीं करना होता है, क्योंकि उन्हें छलनी में किसी की सूरत भी नहीं देखनी होती है।
चांद की जगह तारों को अर्घ्य दिया जाता है।
इसके पीछे यह धारणा प्रचलित है कि जिस तरह डोली तारों की छांव में जाती है और दुल्हन तब तक अपने चांद को नहीं देख पाती है, ठीक उसी तरह कुंआरी लड़कियां अपने पति से नहीं मिली होती हैं इसलिए उन्हें तारों को देखकर व्रत खोलना होता है।
साथ ही उन्हें शिव और पार्वती का पूजन भी करना होता है। माता पार्वती से प्रार्थना कर होने वाले पति की लंबी उम्र की कामना भी की जाती है।