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गंगा सप्तमी 2024: गंगा स्नान के समय आप भी करते हैं ये गलतियां तो लगेगा पाप

Ganga snan

Ganga snan rules: गंगा दशहरा और गंगा सप्तमी के अलावा कुंभ पर्व, पूर्णिमा, अक्षय तृतीया, श्राद्ध, अमावस्या आदि विशेष अवसरों को गंगा स्नान का महत्व बताया गया है। गंगा नदी को बहुत ही पवित्र नदी माना गया है। इसमें स्नान करने का अपना एक नियम और तरीका होता है। यदि उसके अनुसार नहीं करते हैं तो पाप धोने वाली नदी से पाप भी लग सकता है। जानिए गलतियां और नियम।

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गंगा स्नान का नियम- Ganga snan rules:-

गंगा स्नान के समय पहले मां गंगा के जल को छूकर नमन करते हैं।

नमन करने के बाद ही अलग से पानी लेकर पैरों को धोते हैं। इसके बाद गंगा में उतरते हैं।

गंगा में डूबकी लगाने का भी नियम है।  3, 5, 7 या 12 डुबकियां लगाना शुभ होता है।

गंगा स्नान करते वक्त नदी की धारा या सूर्य की ओर मुख करके नहाएं।

गंगा और सूर्य को जल अर्पित करने के लिए पूर्व की ओर या धारा की ओर मुख करें।

स्नान के बाद गंगा पूजा और आरती करें।

गंगा स्नान के बाद यथशक्ति दान करना न भूलें।

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गंगा स्नान करते वक्त न करें ये गलतियां- Ganga snan rules:-

गंगा में कभी भी कुल्ला नहीं करते हैं।

गंगा में अपने पैरों को नहीं धोना चाहिए।

गंगा में फूल माला, पत्ति, नारियल या दीये कभी भी नहीं फेंकते हैं।

गंगा स्नान करने के बाद शरीर पर लगे पानी को पोंछना नहीं चाहिए।

गंगा में स्नान करते वक्त मन में संसार की बातें न रखें। मन में छल कपट न रखें।

गंगा स्नान करने के बाद गंगा स्त्रोत का पाठ नहीं करने से भागिरथी जी का आशीर्वाद नहीं मिलता है।