Diwali Essay in Hindi : दीपावली यानि प्रकाश का पर्व, जो कि पांच दिनों का त्योहार है। जिसे भारत भर में बहुत ही उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। यह पर्व धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज पर इसका समापन होता है। दीपावली अंधकार पर प्रकाश का प्रतीक पर्व है।
आइए जानते हैं यहां दीपावली पर 10 लाइन में हिन्दी निबंध…
1. दिवाली भारत का एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। जहां भारत त्योहारों का देश है और यहां वर्षभर में हिन्दू धर्म के कई बड़े और महत्वपूर्ण त्योहार बहुत ही उत्साह और उल्लासपूर्वक मनाए जाते हैं। यहां देशभर में अलग-अलग धर्मों के त्योहार पूरे वर्षभर ही आते रहते हैं और सभी समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके और परंपरानुसार इस त्योहारों को मनाकर खुशियां और उत्साह प्रकट करते हैं।
2. भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली है। कई दिनों पहले से ही इस उत्सव को मनाने की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो जाती है। यह त्योहार पांच दिनों तक चलने वाला सबसे बड़ा पर्व होता है। जिसका बच्चों-युआ से बड़ों-बूढ़ों को पूरे साल इसका इंतजार रहता है।
3. दिवाली पर्व का उल्हास धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक 5 दिनी त्योहार के रूप में चलता है। धनतेरस के दिन व्यापारी अपने नए बहीखाते बनाते हैं। अगले दिन नरक चौदस या चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अच्छा माना जाता है। अमावस्या यानी कि दीपावली का मुख्य दिन, इस दिन लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। भाईदूज पर्व इस त्योहार का अंतिम दिन होता है।
4. मान्यतानुसार इस दिन भगवान श्री राम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण को युद्ध में हराने के बाद अपने घर अयोध्या लौटे थे। अत: यह भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक है। इतने सालों बाद घर लौटने की खुशी में सभी अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दीपों का त्योहार दीपावली मनाया जाने लगा।
5. दिवाली पर कुछ लोग जुआ खेलते हैं, जो घर, समाज और देश के लिए बड़ी बुरी बात है। हमें इस बुराई से बचना चाहिए। हमें इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि हमारे किसी भी कार्य, व्यवहार से किसी को भी दुख न पहुंचें, क्योंकि दीपावली का त्योहार जीवन जीने का नया उत्साह प्रदान करता है तथा हमें खुशियों की सौगात देता है।
6. इस 5 दिवसीय त्योहार में दीपावली का दिन सबसे खास होता है, जो कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस अमावस्या की अंधेरी रात्रि असंख्य दीपों की जगमग से जगमगाने लगती है। यह त्योहार लगभग सभी धर्म के लोग मनाते हैं।
7. दिवाली पर मुख्य पूजन के रूप में धन की देवी महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है, इसलिए उनके आगमन और स्वागत के लिए घरों को सजाया जाता है। यह त्योहार पूरे 5 दिनों तक मनाया जाता है।
8. इस दिन लोग अपने घरों को, दुकानों, बाजारों को सजाते हैं तथा इस पर्व की सजावट दर्शनीय रहती है। अगला दिन परस्पर भेंट का दिन होता है। एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। लोग छोटे-बड़े, अमीर-गरीब का भेदभाव भूलकर आपस में मिल-जुलकर यह त्योहार मनाते हैं। इस त्योहार के आने के कई दिन पहले से ही घरों की लिपाई-पुताई, सजावट प्रारंभ हो जाती है। इन दिन पहनने के लिए नए कपड़े बनवाए पहने जाते हैं। घर-घर में तरह-तरह की कई मिठाइयां और नमकीन व्यंजन बनाए जाते हैं।
9. दीपावली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। इस दिन घर-घर रंगोली बनाई जाती है, आकर्षक बंदनवार, लक्ष्मी जी के पगलिये तथा बाजारों में गणेश-लक्ष्मी जी आदि की तस्वीरे खरीदी जाती है। बम, फुलझडि़यां तथा अन्य पटाखे खरीदे जाते हैं और आतिशबाजी की जाती हैं। लेकिन सभी को पटाखे सावधानीपूर्वक छोड़ने चाहिए, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके, साथ ही सबका खयाल रखते हुए यह त्योहार मनाना चाहिए।
10. इस दिन जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया जाता है, अत: इस दिन निर्वाण लाडू चढ़ाकर महावीर स्वामी की पूजा-आराधना की जाती है तथा सायंकाल में घरों के बाहर दीपक जलाएं जाते हैं। तथा अहिंसा के मार्ग पर चलने का प्रयास किया जाता है।