Puja

धनु संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व

Dhanu sankranti 2023: सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने को संक्रांति कहते हैं। 16 दिसंबर 2023 को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे। 16 दिसंबर 2023 को सूर्य का वृश्‍चिक राशि से प्रातः 3 बजकर 28 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश होगा। इस संक्रांति को हेमंत ऋतु शुरू होने पर मनाया जाता है। आओ जानते हैं कि क्या है इस संक्रांति का महत्व।

 

धनु संक्रांति का महत्व:-

जब सूर्य गुरु की राशि धनु या मीन राशि में जाता है तब से खरमास या मलमास प्रारंभ होगा है।

खरमास के लगते ही मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। एक माह तक मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। 

इसलिए इस माह के दौरान भगवान विष्णु की नियमित रूप से पूजा करने का महत्व है।

धनु संक्रांति के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ किया जाता है। 

भूटान और नेपाल में इस दिन जंगली आलू जिसे तारुल के नाम से जाना जाता है, उसे खाने का रिवाज है। 

जिस दिन से ऋतु की शुरुआत होती है उसकी पहली तारीख को लोग इस संक्रांति को बड़े ही धूम-धाम से मनाते हैं।

यह कहा जाता है कि धनु राशि में सूर्य के आ जाने से मौसम में परिवर्तन हो जाता है और देश के कुछ हिस्सों में बारिश होने के कारण ठंड भी बढ़ सकती है।

इस दिन के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह दिन बेहद ही पवित्र होता है ऐसे में जो कोई इंसान इस दिन विधिवत पूजा करते हैं उनके जीवन के सभी कष्ट अवश्य दूर होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।