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मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा, जानिए महत्व

Margashirsha Purnima: हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर पूजन करने से सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 26 दिसंबर मंगलवार 2023 को इस पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा।

 

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 26 दिसम्बर 2023 को सुबह 05:46 से प्रारंभ।

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 27 दिसम्बर 2023 को सुबह 06:02 पर समाप्त।

 

पूजा का शुभ मुहूर्त :-

अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:01 से 12:42 तक।

अमृत काल : दोपहर 01:18 से दोपहर 02:56 तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 02:05 से दोपहर 02:46 तक।

गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:29 से शाम 05:56 तक।

सन्ध्या काल मुहूर्त : शाम 05:31 से 06:53 तक।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व :

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, तप और पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

इस दिन किए गए दान का फल अन्य पूर्णिमा की तुलना में 32 गुना अधिक मिलता है, इसलिए इसे बत्तीसी पूर्णिमा भी कहा जाता है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन हरिद्वार, बनारस, मथुरा और प्रयागराज आदि जगहों पर श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान और तप आदि करते हैं।

इस दिन तुलसी की जड़ की मिट्टी से पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करने से भगवान विष्ण की विशेष कृपा मिलती है। 

इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा और कथा भी कही जाती है। यह परम फलदायी बताई गई है। 

कथा के पश्‍चात इस दिन सामर्थ्य के अनुसार गरीबों व ब्राह्मणों को भोजन और दान-दक्षिणा देने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।