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महाशिवरात्रि के दिन कैसे करें पूजा, जानिए सही विधि Mahashivratri 2023 Puja Vidhi

महाशिवरात्रि का महापर्व 18  फरवरी 2023 को आ रहा है। आइए जानते हैं इस दिन किस पूजा विधान से देवों के देव महादेव प्रसन्न होंगे… 

 

महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें

 

 और नित्यकर्मों से निवृत्त हो होकर साफ-सुथरे वस्त्र तथा मस्तक पर भस्म का तिलक और गले में रुद्राक्ष माला धारण करें।

  

– इसके बाद मंदिर या घर, जिस जगह भी पूजन करना है, उस स्थान को साफ-स्वच्छ कर लें। 

 

– अगर शिवालय में जा रहे हैं तो शिवलिंग का विधिपूर्वक पूजन एवं शिव जी को नमस्कार करें तथा श्रद्धापूर्वक व्रत का संकल्प लेते हुए ‘शिवरात्रिव्रतं ह्येतत्‌ करिष्येऽहं महाफलम। निर्विघ्नमस्तु से चात्र त्वत्प्रसादाज्जगत्पते।’ यह कहते हुए हाथ में लिए पुष्प, अक्षत, जल आदि को छोड़ने के पश्चात यह श्लोक पढ़ें। 

 

– देवदेव महादेव नीलकण्ठ नमोऽस्तु से, कर्तुमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव।
तव प्रसादाद्देवेश निर्विघ्नेन भवेदिति। कामाशः शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि॥’ 

 

अर्थात्- हे देवदेव! हे महादेव! हे नीलकण्ठ! आपको नमस्कार है।

 हे देव! मैं आपका शिवरात्रि व्रत करना चाहता हूं। हे देवश्वर! आपकी कृपा से यह व्रत निर्विघ्न पूर्ण् हो और काम, क्रोध, लोभ आदि शत्रु मुझे पीड़ित न करें। 

 

– फिर एक चांदी के पात्र में जल भरकर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग पर जलाभिषेक और पंचामृत तथा गंगा जल से स्नान कराते समय ‘ॐ नमः शिवाय’ का उच्चारण करते रहें।

 

– तत्पश्चात सफेद आंकड़े के पुष्प, स्वच्छ और साबुत बिल्वपत्र अर्पित करें। सफेद चंदन अथवा गोपी चंदन से शिवलिंग या प्रतिमा को तिलक लगाएं। 

 

– शिव जी को सफेद आंकड़े के पुष्प अर्पण करते समय शिव स्तुति का पाठ करें या महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। 

 

– भांग, धतूरा, जायफल, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं। 

 

– दिन भर भगवान शिव का ध्यान करें एवं स्तुति करें। 

 

– सायंकाल या रात के समय में पुन: शिव जी का विधिवत पूजन-अर्चन करें। 

 

– रात के समय खीर का प्रसाद दूसरों को बांटें और प्रसाद रूपी खीर का सेवन कर पारण करें। 

 

– रात्रि जागरण में शिव भजन, मंत्र, श्लोक, स्तोत्र, चालीसा आदि का पाठ अवश्य करें।