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Akshaya tritiya 2024: 5 महायोग में मनाएंगे अक्षय तृतीया, धन दौलत चाहिए तो मौका है सुनहरा, 3 चीजें खरीदें

Akshaya Tritiya

Akshay Tritiya 2024: अक्षय तृतीया को वर्ष के साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक माना जाता है। इस दिन खरीदारी करना बहुत ही शुभ होता है।  10 मई 2024 शुक्रवार को अक्षय तृतीया का शुभ पर्व और मुहूर्त रहेगा। इस दिन विवाह कार्य को छोड़कर सभी कार्य कर सकते हैं, क्योंकि गुरु और शुक्र का तारा अस्त है, लेकिन इस दिन 3 महायोग का निर्माण हो रहा है। इन योग संयोग में 3 चीजें घर में ले आएं।

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खरीदारी का शुभ मुहूर्त:

इस दिन खरीदारी के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह अमृतकाल है जो 07:44 से सुबह 09:15 तक रहेगा। 

इसके बाद अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:51 से दोपहर 12:45 तक है।

 

3 शुभ महायोग:

1. सुकर्मा योग : सुबह 10:47 के बाद मृगशिरा नक्षत्र और दोपहर 12:06 के बाद सुकर्मा योग प्रारंभ होगा।

2. रवि योग : मित्र योग के बाद सुबह 10:47 से अगले दिन सुबह 05:33 तक।

3. गजकेसरी योग : वृषभ राशि में गजकेसरी योग का निर्माण भी हुआ है।

4. शुक्रादित्य योग : मेष राशि में शुक्रादित्य योग बना हुआ है। 

5. शश योग : शनि के कुंभ में होने से शश नामक पंचामहापुरुष योग बना है।

 

1. मिट्टी का मजबूत घड़ा: इस दिन आप सुंदर नक्काशी किया हुआ मिट्टी का मजबूत घड़ा खरीद सकते हैं। इसे खरीदना शुभ रहता है और इससे घर में धन की कमी नहीं रहती है। इसी के साथ ही जीवन में मानसिक शांति मिलती है। 

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2. रुई या सेंधा नमक : अक्षय तृतीया पर यदि आप कोई महंगी वस्तु नहीं खरीद पा रहे हैं तो रुई या सेंधा नमक खरीद सकते हैं। रुई से जहां जीवन में जीवन में शांति बनी रहती है वहीं धन धान्य में वृद्धि होती है। दूसरी ओर सेंधा नमक से सुख और मानसिक शांति के साथ ही परिवार की सेहत भी अच्छी बनी रहती है।

 

3. कौड़ियां: इस दिन कौड़ियां खरीदना भी शुभ होता है। प्राचीन काल में कौड़ियों का ही सिक्कों की तरह उपयोग होता था। कौड़ियों को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसे खरीदकर तिजोरी में रखने से सुख और समृद्धि बनी रहती है। 

 

Importance of Akshaya Tritiya : अक्षय तृतीया (अखातीज) को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। बताया जाता है कि वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त है। जिसमें प्रथम व विशेष स्थान अक्षय तृतीया का है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के पूछने पर यह बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक या सांसारिक कार्य करोगे, उसका पुण्य मिलेगा। इस दिन को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है।