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Gangaur Puja 2024: गणगौर पूजा के खास 5 गीत

Gangaur Pujan Geet
 

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Gangour Festival 2024: गणगौर पर्व कौ दौरान भगवान शिव-पार्वती की आराधना की जाती हैं, तथा गणगौर के गीत गाकर माता गौरी को प्रसन्न किया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा समस्या पूजन आदि के दौरान गाए जाने वाले गीतों को लेकर आती है। यहां आपके लिए प्रस्तुत हैं गणगौर के खास गीत। 

 

इस बार गणगौर के विशेष अवसर पर आप भी इन गीतों को गाकर करें शिव-पार्वत जी की आराधना। पढ़ें गणगौर पूजा के 5 प्रचलित गीत- 

 

(1) गारा की गणगौर 

 

गारा की गणगौर कुआ पर क्यों रे खड़ी है।

सिर पर लम्बे-लम्बे केश, गले में फूलों की माला पड़ी रे।। 

गारा की गणगौर…

 

चल्यो जा रे मूरख अज्ञान, तुझे मेरी क्या पड़ी रे।

म्हारा ईशरजी म्हारे साथ, कुआ पर यूं रे खड़ी रे।। 

गारा की गणगौर…

 

माथा ने भांवर सुहाय, तो रखड़ी जड़ाव की रे।

कान में झालज सुहाय, तो झुमकी जड़ाव की रे।। 

गारा की गणगौर…

 

मुखड़ा ने भेसर सुहाय, तो मोतीड़ा जड़ाव का रे।

हिवड़ा पे हांसज सुहाय, तो दुलड़ी जड़ाव की रे।। 

गारा की गणगौर…

 

तन पे सालू रंगीलो, तो अंगिया जड़ाव की रे।

हाथों में चुड़ला पहना, तो गजरा जड़ाव का रे।। 

गारा की गणगौर…

 

पावों में पायल पहनी, तो घुंघरू जड़ाव का रे।

उंगली में बिछिया सुहाय, तो अनवट जड़ाव का रे।। 

गारा की गणगौर…

 

(2) ओ जी म्हारे आंगन कुवलो

 

ओ जी म्हारे आंगन कुवलो खुदा दो, जे को ठंडो पानी।।2।।

जूड़ो छोड़यो नहाबा बैठिया, ईसरजी की रानी।

रानी से पटरानी की जो, बोले अमृत वाणी।।

अमृत का दोई प्याला भरिया, कंकू की रे प्याली।

मीठो बोल्या हृदय बसिया, मन में हरक उछाव।। 

ओ जी म्हारे आंगन…

 

जूड़ो छोड़यो नहाबा बैठिया, बासकजी की रानी।

रानी से पटरानी की जो, बोले अमृत वाणी।।

अमृत का दोई प्याला भरिया, कंकू की रे प्याली।

मीठा बोलिया हृदय बसिया, मन में हरक उछाव।। 

ओ जी म्हारे आंगन…

 

(इसी प्रकार देवताओं के बाद घर वालों के नाम लें।)

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(3) हिंगलू भर बालद लाया रे

 

हिंगलू भर बालद लाया रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

कौन के आंगन रालूं रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

 

ईसरजी के आंगन रालो रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

बाई गौरा कामन गाली रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

 

जिनने मोह्या ईसरजी गौरा रा, म्हारा मान गुमानी ढोला।

हिंगलू भर… कौन के आंगन… मान गुमानी ढोला।।

 

बासकजी के आंगन रालो रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।

बाई नागन कामन गाली रे, म्हारा मान गुमानी ढोला।।

 

जिनने मोह्या बासकजी नागन रा, म्हारा मान गुमानी ढोला।

हिंगलू भर… कौन के आंगन… मान गुमानी ढोला।

 

(इसी प्रकार सूरजजी- रामल, चांदकजी- सामल के नाम लेने के बाद अपने घर वालों, घर वाली के नाम लेकर गीत को आगे गाती जाएं।)

 

(4) रणु बाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो

 

रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो

को तो दादाजी हम गोरा घर जांवा

जांवो वाई जावो बाई हम नहीं बरजां

लम्बी सड़क देख्या भागी मती जाजो

उंडो कुओ देख्या पाणी मती पीजो

चिकनी सिल्ला देखी न पांव मती धरजो

पराया पुरुष देखनी हसी मती करजो

 

(5) सोनी गढ़ को खड़को

 

सोनी गढ़ को खड़को म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार

म्हारी गार कसुम्बो रुदियो

सोनी धड़जे ईश्वरजी रो मुदड़ो,

वांकी राण्या रो नवसर्‌यो हार म्हांरी गोरल कसुम्बो रुदियो

वातो हार की छोलना उबरी बाई

सोधरा बाई हो तिलक लिलाड़ म्हारे गोर कसुम्बो रुदियो। 

 

(नोट- इसके आगे अपने पति का नाम लेना चाहिए)

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