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Hanuman Jayanti 2024: हनुमानजी सशरीर हैं जो वे अभी कहां हैं?

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Where is Hanuman ji now: हनुमाजी को अजर अमर होने के वरदान मिला है। वे एक कल्प तक धरती पर ही रहेंगे। इसी लिए कहते हैं कि चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥ लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि वे सशरीर हैं तो इस वक्त कहां रहते हैं। क्या कहते हैं पुराण और अन्य तथ्य।

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गंधमादन पर्वत पर हनुमानजी: हनुमानजी कलियुग में गंधमादन पर्वत पर निवास करते हैं, ऐसा श्रीमद भागवत में वर्णन आता है। उल्लेखनीय है कि अपने अज्ञातवास के समय हिमवंत पार करके पांडव गंधमादन के पास पहुंचे थे। एक बार भीम सहस्रदल कमल लेने के लिए गंधमादन पर्वत के वन में पहुंच गए थे, जहां उन्होंने हनुमान को लेटे देखा और फिर हनुमान ने भीम का घमंड चूर कर दिया था।

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गंधमादन में ऋषि, सिद्ध, चारण, विद्याधर, देवता, गंधर्व, अप्सराएं और किन्नर निवास करते हैं। वे सब यहां निर्भीक विचरण करते हैं। हिमालय के कैलाश पर्वत के उत्तर में (दक्षिण में केदार पर्वत है) स्थित गंधमादन पर्वत की। यह पर्वत कुबेर के राज्यक्षेत्र में था। सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में स्थित गजदंत पर्वतों में से एक को उस काल में गंधमादन पर्वत कहा जाता था। आज यह क्षेत्र तिब्बत के इलाके में है। पुराणों के अनुसार जम्बूद्वीप के इलावृत्त खंड और भद्राश्व खंड के बीच में गंधमादन पर्वत कहा गया है, जो अपने सुगंधित वनों के लिए प्रसिद्ध था।

 

जहां रामकथा वहां हनुमानजी

”यत्र-यत्र रघुनाथ कीर्तन तत्र कृत मस्तकान्जलि। वाष्प वारि परिपूर्ण लोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तक॥”

अर्थात : कलियुग में जहां-जहां भगवान श्रीराम की कथा-कीर्तन इत्यादि होते हैं, वहां हनुमानजी गुप्त रूप से विराजमान रहते हैं।

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सीताजी के वचनों के अनुसार- अजर-अमर गुन निधि सुत होऊ।। करहु बहुत रघुनायक छोऊ॥

यदि मनुष्य पूर्ण श्रद्घा और विश्वास से इनका आश्रय ग्रहण कर लें तो फिर तुलसीदासजी की भांति उसे भी हनुमान और राम-दर्शन होने में देर नहीं लगती।