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Radha Krishna Flowers festival: फुलेरिया दोज पर्व, जानें पूजन विधि और मंत्र

Phulera Dooj 2024
 

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Festival phulera dooj : वर्ष 2024 में फुलेरिया या फुलेरा दूज का पर्व पंचांग भेद के चलते 11 मार्च, सोमवार और 12 मार्च, मंगलवार यानी दो दिन मनाया जा रहा है। भगवान श्री कृष्ण के भक्त यह त्योहार प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को बड़े ही उत्साह से मनाते हैं।

यह पर्व कृष्ण जी को बहुत प्रिय है, क्योंकि इसी दिन वे राधा से मिलने वृंदावन गए थे। इस त्योहार को श्री राधा-कृष्‍ण का फूलों से श्रृंगार करके उनका पूजन किया जाता है। तथा उन्हें गुलाल लगाकर भजन, कीर्तन, फूलों से श्रृंगार, भोग-प्रसादी आदि करके प्रेमपूर्वक राधा-कृष्ण की आराधना करते है। 

 

फुलेरा दोज पूजा विधि-Phulera Dooj Vidhi  

 

– फाल्‍गुन शुक्ल द्वितीया या फुलेरा दोज के दिन प्रात: स्नानादि करके पूजा स्थल की सफाई करें। 

– अब मालती, पलाश, कुमुद, गेंदा, गुलाब, हरश्रृंगार आदि फूलों को एकत्रित कर लें। 

– राधा जी और श्री कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

– रोली, कुमकुम, फूल, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, आदि से पूजन करें।

– अब सुगंधित पुष्प, द्रव्य और अबीर-गुलाल अर्पित करें।

– अब राधा जी और भगवान श्री कृष्ण को फूल अर्पित करें। 

– राधा जी और भगवान श्री कृष्ण को सुगंधित फूलों से सजाएं तथा फूलों से होली खेलें।

– प्रसाद में मौसमी फल, सफेद मिठाई, पंचामृत और मिश्री अर्पित करें। 

– राधा-कृष्ण के मंत्रों का जाप करें।

– राधा-कृष्ण के पूजन के लिए शाम का समय भी सबसे उत्तम माना जाता है। 

– अत: शाम को पुन: स्नान करके रंगीन वस्त्र धारण करके राधा-रानी का पुन: श्रृंगार करके आनंदपूर्वक पूजन करें।

– आरती करें, फल, मिठाई और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। 

– आज के दिन शिव-पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करके गाय का शुद्ध देसी घी तथा केसर, मालपुए का भोग लगाएं।

– आज के दिन श्रृंगार की वस्तुओं का दान करें।

– पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें 

– आज सात्विक भोजन करें। 

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मंत्र-phulera dooj mantra  

 

– ‘गोवल्लभाय स्वाहा’

– ‘कृं कृष्णाय नमः’

– ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री’

– ‘ॐ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा’

– ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे।’ 

– ‘ॐ नमः भगवते वासुदेवाय कृष्णाय क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।’ 

– ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥

– ‘ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।’

 

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